छर्रा, अलीगढ़। श्री शांति देवी कल्याण दास सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 10वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों के अभिभावकों के साथ एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन विद्यालय सभागार में किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य अभिभावकों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी, विद्यार्थियों की मानसिक स्थिति, परिवार की भूमिका एवं विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था के बारे में सम्यक जानकारी देना था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय प्रबंध समिति के वरिष्ठ सदस्य श्री राजीव बंसल ने की। मंच पर प्रबंधक श्री राकेश गर्ग, उपाध्यक्ष श्री सुभाष अग्रवाल, कोषाध्यक्ष श्री विपुल गुप्ता, तथा समिति सदस्य श्री नवनीत महेश्वरी, श्री कुमार गौरव अग्रवाल, श्री राजीव अग्रवाल और श्री लक्ष्मी माहौर उपस्थित रहे। सभी ने विद्यार्थियों को आगामी बोर्ड परीक्षा के लिए अग्रिम शुभकामनाएं दीं और अभिभावकों से सहयोग की अपील की।
संचालन का दायित्व उपप्रधानाचार्य श्री पुष्पेंद्र चतुर्वेदी ने कुशलता से निभाया। कार्यक्रम में श्री सूर्यांश गुप्ता, श्री सुनील देशवाल, श्री देवेंद्र सिंह, श्री जयप्रकाश, श्री सौरवदीप, श्री अतुल शर्मा, श्रीमती शिखा राठी, श्रीमती ऋतिका, श्री राजकुमार, श्री दीपक शर्मा सहित समस्त आचार्यगण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं प्रेरणास्रोत प्रधानाचार्य श्री बालकिशन अग्रवाल ने अपने विस्तृत उद्बोधन में कहा कि – “बोर्ड परीक्षा न केवल छात्रों की शैक्षणिक यात्रा का मील का पत्थर होती है, अपितु यह उनके जीवन की दिशा निर्धारित करने वाला एक निर्णायक मोड़ होती है।”
उन्होंने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि – “आपके शब्दों में आश्वासन हो, व्यवहार में धैर्य हो, और वातावरण में प्रेरणा हो। यही वह ऊर्जा है जो बच्चे को आत्मविश्वासी बनाती है।”
“बोर्ड परीक्षा केवल अकादमिक नहीं, भावनात्मक संतुलन की भी परीक्षा है। ऐसे में बच्चों को परिपक्वता, आत्मानुशासन और मानसिक मजबूती देने का कार्य अभिभावक ही कर सकते हैं।”
“प्रतिदिन का विद्यालय आना न केवल पढ़ाई बल्कि अनुशासन, समयबद्धता और परीक्षा-तैयारी की निरंतरता के लिए अत्यंत आवश्यक है।”
प्रधानाचार्य ने यह भी कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि वे परीक्षा के इस काल में मोबाइल और टीवी जैसे ध्यान भटकाने वाले उपकरणों से बच्चों को दूर रखें और उनकी दिनचर्या, पोषण और मानसिक स्थिति पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने सुझाव दिया कि अभिभावक बच्चों के लिए प्रतिदिन एक ‘मॉरल मिनट’ रखें – जिसमें उन्हें आत्म-संवाद, जीवन मूल्य और परीक्षा के प्रति आश्वासन मिले।
इस गोष्ठी में उपस्थित अनेक अभिभावकों ने विद्यालय की शिक्षण पद्धति, अनुशासन एवं शिक्षकगण के समर्पण की सराहना की तथा कुछ रचनात्मक सुझाव भी साझा किए – जैसे बोर्ड छात्रों के लिए ‘काउंसलिंग सेशन’, ‘प्रश्न पत्र अभ्यास सत्र’, और ‘साप्ताहिक मूल्यांकन रिपोर्ट’ की नियमित व्यवस्था।
कार्यक्रम का समापन विद्यालय प्रबंधक श्री राकेश गर्ग द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ हुआ। उन्होंने सभी अभिभावकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि विद्यालय और परिवार के संयुक्त प्रयास से ही विद्यार्थी अपने चरम लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।