आगरा। सरस्वती बालिका विद्या मंदिर, सुभाष पार्क में एक अनोखे और प्रेरणादायक कार्यक्रम ‘मन की बात’ का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पहली बार विद्यालय में आयोजित हुआ, जिसमें छात्राओं को अपने विचार और अनुभव साझा करने का अवसर मिला। कार्यक्रम में विद्यालय का पूरा स्टाफ और छात्राएं मौजूद थीं, जो इस अद्वितीय पहल को लेकर उत्साहित नजर आए।
कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को एक ऐसा मंच प्रदान करना था, जहाँ वे न केवल अपने मन की बात साझा कर सकें, बल्कि मानसिक तनाव को कम करते हुए अपनी पढ़ाई और जीवन में सकारात्मकता ला सकें। छात्राओं ने खुलकर अपनी भावनाएँ, समस्याएँ और सुझाव अपनी शिक्षिकाओं और प्रधानाचार्या श्रीमती निधि तिवारी के साथ साझा किए।
प्रधानाचार्या श्रीमती निधि तिवारी ने इस कार्यक्रम को विद्यालय के लिए एक अनोखा प्रयोग बताया। उन्होंने कहा, “मन की बात कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं के मन की गहराइयों को समझना और उन्हें मानसिक शांति प्रदान करना है। जब छात्राएँ अपने मन की बात खुलकर साझा करती हैं, तो इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और वे अपनी पढ़ाई में बेहतर ध्यान केंद्रित कर पाती हैं।”
कार्यक्रम के दौरान, छात्राओं ने अपने व्यक्तिगत अनुभव और विचार साझा किए। कुछ छात्राओं ने अध्ययन के दौरान आने वाली कठिनाइयों के बारे में बात की, तो कुछ ने अपने सपनों और महत्वाकांक्षाओं को साझा किया। शिक्षिकाओं ने उनकी बातों को ध्यान से सुना और उनके सवालों और समस्याओं का समाधान देने का प्रयास किया।
इस कार्यक्रम ने छात्राओं और शिक्षिकाओं के बीच संवाद और विश्वास का एक नया आयाम स्थापित किया। छात्राओं ने इसे एक ऐसा अनुभव बताया, जो उन्हें मानसिक तौर पर सशक्त बनाने में मदद करेगा। शिक्षिकाओं ने भी इस पहल की सराहना करते हुए इसे छात्रों के समग्र विकास के लिए उपयोगी बताया।
इस अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य श्री उम्मेद सिंह ने कहा, “मन की बात कार्यक्रम छात्रों के व्यक्तित्व विकास का एक अभूतपूर्व प्रयास है। इस तरह के कार्यक्रम से न केवल छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि वे अपनी पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में और बेहतर प्रदर्शन कर पाती हैं।”
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्या निधि तिवारी ने सभी छात्राओं को धन्यवाद दिया और भविष्य में भी इस तरह के संवादात्मक कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ न केवल एक कार्यक्रम है, बल्कि यह छात्राओं के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक कदम है।