विद्या भारती ब्रज प्रदेश की पत्रकार वार्ता में प्रस्तुत हुई शिक्षा और संस्कृति की व्यापक झलक

शिक्षा जगत का सबसे बड़ा मार्गदर्शक शैक्षिक – मंच विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान देश में कुल 21,514 विद्यालयों का शैक्षिक मार्गदर्शन कर रहा है जिसमें 1,53,840 आचार्यों द्वारा 35,33,922 बच्चे भारतीय जीवन मूल्यों से युक्त शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं । 60 महाविद्यालय और 07 सैनिक स्कूल भी संबद्ध हैं।
विद्या भारती ब्रज प्रदेश (Vidya Bharti Braj Pradesh) से संबद्ध पांच समितिओं- भारतीय शिक्षा समिति ब्रज प्रदेश, भारतीय शिक्षा समिति सी. बी. एस. ई., भारतीय श्री विद्या परिषद् उत्तर प्रदेश, जन शिक्षा समिति ब्रज प्रदेश से सरकारी 12 जनपदों के प्राथमिक से इंटरमीडिएट तक समाज के सहयोग से संचालित कुल 373 विद्यालय संबद्ध हैं । इनमें 5040 आचार्यों के संरक्षण में 1,54,253 छात्र-छात्रा शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। चालक – परिचालकों के अतिरिक्त 1262 शिक्षणेत्तर कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

परीक्षा परिणाम –
सत्र 2024-25 का परीक्षा परिणाम आशाजनक, उत्साहवर्धक, प्रेरक और संतोषजनक निम्न प्रकार रहा-
हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम 99.68% और इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम 97.89% रहा। हाई स्कूल कुल 327 ने अपने जनपद/मण्डल/प्रदेश की वरीयता सूची में स्थान प्राप्त किया। इंटरमीडिएट कुल 227 ने अपने जनपद/ मण्डल /प्रदेश की वरीयता सूची में स्थान प्राप्त किया ।
विशेष- सरकार द्वारा 15 बच्चों को 21-21 हजार रुपये पुरस्कार स्वरूप प्राप्त हुए, यह प्रसन्नता और गर्व का विषय है ।
- श्रीजी बाबा सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल मथुरा के इंटरमीडिएट के छात्र तरुण अग्रवाल ने 99.6% अंक लाकर पूरे भारत में द्वितीय रैंक एवं जनपद में प्रथम स्थान प्राप्त किया ।

प्रतिभा खोज परीक्षा में कुल 2312 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए, 1022 उत्तीर्ण घोषित हुए, एवं 21 परीक्षार्थियों ने प्रान्त में स्थान प्राप्त किया, जिन्हें छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।
UPSC, IIT, NEET में 49 बच्चों ने अपनी कठिन साधना, आचार्यों और अभिभावकों के सहयोग से सफलता प्राप्त की।
- श्रीजी बाबा सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मथुरा के पूर्व छात्र सत्यम चतुर्वेदी ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 205वीं रैंक प्राप्त कर विद्यालय, परिजन और क्षेत्र का गौरव बढ़ाया ।
- जय नारायण सरस्वती विद्या मंदिर बरेली के पूर्व छात्र अक्षित पारशरी पुत्र रमेश चंद्र शर्मा बरेली, IES में देश में 10 वां स्थान प्राप्त किया ।
खेलकूद – विद्या भारती ब्रज प्रदेश के 864 खिलाडियों ने अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिभाग किया । इसके उपरान्त स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SGFI) में 117 छात्र-छात्राओं सहभागिता की ।
घोष – विद्या भारती द्वारा संचालित विभिन्न विद्यालयों में घोष की गतिविधियों को विशेष महत्व दिया जाता है। घोष शिविरों के माध्यम से विद्यार्थियों को शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जाता है । इससे जीवन में अनुशासन निर्मित होता है । वर्तमान में 158 विद्यालयों में घोष की व्यवस्था है जिनमें कुल 3541 वाद्ययंत्र और कुल 5350 वादक हैं।

अटल टिंकरिंग लेब (प्रयोगशालाएं) केन्द्र सरकार के अनुदान से विकसित ये आधुनिक प्रयोगशालायें कुल 10 विद्यालयों में संचालित हैं । सूरज प्रसाद डागा सरस्वती विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज कासगंज और चिरौजी लाल, वीरेन्द्र पाल सरस्वती विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज पीलीभीत के बच्चों ने अखिल भारतीय स्तर पर क्रमश: 18 वां, 365 वां में स्थान प्राप्त किया । विज्ञान के क्षेत्र में यह बड़ी उपलब्धि है । AI सक्षम लर्निंग प्लेटफॉर्म बनाए जा रहे हैं । डिजिटल क्लास रूम NEP 2020 के अनुसार विकसित किये जा रहे हैं ।
गत सत्र में कुल 998 छात्र-छात्राओं, आचार्यों को उनकी विविध उपलब्धियों के कारण चार स्थानों पर आयोजित भव्य समारोह में सम्मानित किया गया ।
अखिल भारतीय संस्कृति बोध परियोजना कुरुक्षेत्र के अंतर्गत संस्कृति ज्ञान परीक्षा में कुल 91087 परीक्षार्थी सम्मिलित हुए, कुल 79020 परीक्षार्थी सफल हुए।
विविध कार्यों की गुणवत्ता वृद्धि के लिए कुल 34 विषय परिषदें बनाई गई हैं जिनमें बाह्य शिक्षाविद्, आचार्य और प्रधानाचार्य मनोनीत किये गए हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में पूर्व प्राथमिक से इंटर मीडिएट तक आचार्यों के प्रशिक्षण वर्ग, परिचर्चा, परीक्षा आदि की अनुक्रियायें आयोजित की गई, अनेक शिक्षाविदों का प्रत्यक्ष मार्गदर्शन मिला। सतत प्रशिक्षण के उपरांत 64 मास्टर ट्रेनर विकसित किये गए, भारत केन्द्रित शिक्षा के लिए चहुँमुखी कार्य किया जा रहा है। पांच आधारभूत विषय, पंच कोशीय विकास, पंच पदीय शिक्षण अधिगम पद्धति मुख्यतः उल्लेखनीय हैं। 17 जुलाई को प्रान्त में NEP 2020 पर आधारित आचार्यों की परीक्षा होगी ।
अंग्रेजी भाषा के आचार्यों में संभाषण की कुशलता और क्रिया आधारित शिक्षण कौशल विकसित करने के लिए 15 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग नोएडा में 233 आचार्यों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया ।
सेवा क्षेत्र की शिक्षा – झुग्गी -झोपड़ी, सेवा-बस्ती, सीमावर्ती क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा के लिए नि:शुल्क “सरस्वती संस्कार केन्द्र” संचालित किये जा रहे हैं । वर्तमान में कुल 523 संस्कार केन्द्रों के माध्यम से 12,075 छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिनका मार्गदर्शन 565 आचार्यगण कर रहे हैं ।
शिशु वाटिका – राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में शिशु वाटिका योजना प्रभावी ढंग से संचालित की जा रही है । वर्तमान 312 शिशु वाटिकाएं संचालित है ।
- स्वतन्त्र शिशु वाटिकाएं – 02
- इंटर कॉलेज के साथ – 42
- अन्य बड़ी कक्षाओं के साथ – 268
2. शिशु वाटिकाओं की वर्तमान स्थिति व लक्ष्य
- नमूना रूप – 01 कृष्ण चंद्र गांधी शिशु मंदिर, मथुरा (यहाँ 01 व 02 वर्ष के शिशुओं की माताओं का प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया है)
- प्रभावी शिशु वाटिकाएं (जहाँ 12 व्यवस्थाएं पूर्ण हैं) – 24
- सत्र 2025-26 में अन्य चयनित की गई- 24
- सर्वयोग – 48
शिशु वाटिकाओं की व्यवस्था, प्रशिक्षण और देखरेख प्रभावी होने के कारण छात्र-छात्राओं की संख्या निरन्तर बढ़ रही है ।
विज्ञान एवम् वैदिक गणित मेला – विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के निर्देशन में विद्यालय स्तर से अखिल भारतीय स्तर तक विज्ञान एवम् वैदिक गणित मेला में प्रश्न मंच, पत्र वाचन, विज्ञान/गणित प्रयोग, नवाचार प्रयोग की प्रतियोगिताएं हुईं, इनमें ब्रज प्रान्त ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और विविध स्तर पर पदक प्राप्त किये ।
सामाजिक सरोकार –
समर्पण निधि योजना – सरस्वती शिशु मन्दिर योजना के अधिष्ठाता स्व. कृष्ण चंद्र गाँधी की संकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए प्रति वर्ष “समर्पण निधि” निर्धारित अवधि में बच्चों, आचार्यों, अभिभावकों, पूर्व छात्रों आदि के द्वारा स्वेच्छा से संग्रहित होती है । इससे समर्पणकर्त्ता में प्रेम, सेवा, सहयोग व समर्पण का भाव पैदा होता है । विद्या भारती ब्रज प्रदेश द्वारा सत्र 2024-25 में कुल ₹44,80,168/- (चौवालीस लाख अस्सी हजार एक सौ अड़सठ रुपये) की राशि स्वेच्छा से संग्रहित की गई है, आर्थिक दृष्टि से कमजोर विद्यालयों की सहायता की जायेगी ।
परिवार प्रबोधन के लिए योजनानुसार “संस्कृति शिक्षा संस्थान कुरुक्षेत्र से प्राप्त एतिहासिक महापुरुषों, वीरांगनाओं, वीर बालकों 20,9350 पुस्तकें वितरित की गई। धार्मिक एवं आध्यात्मिक भाव पैदा करने की दृष्टि से इस्कॉन द्वारा प्राप्त 150000 श्रीमद्भगवतगीता नि:शुल्क वितरित की गई हैं। आचार्यों के द्वारा नियोजित त्रिमासिक अभिभावक सम्पर्क किया जाता है।
पूर्व छात्र परिषद – पूर्व छात्र-छात्राओं की प्रतिभाओं को राष्ट्रहित में उपयोग करने के लिए “पूर्व छात्र परिषद” का गठन सभी विद्यालयों में किया गया है । प्रान्तीय इकाई द्वारा समय-समय पर इनका प्रबोधन होता है । रक्तदान, कोचिंग सेंटर, वृक्षारोपण, आपदा पीड़ित सहायता कार्य प्रभावी ढंग से किए जा रहे हैं।
प्रान्तीय इकाई मथुरा में कोचिंग सेण्टर संचालित कर रही है। परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, वृंदावन में साप्ताहिक स्वास्थ्य शिविर संचालित किया जा रहा है। परिषद की त्रिमासिक पत्रिका “ब्रज विभा” नियमित प्रकाशित हो रही है। 10,30,000 से अधिक पूर्व छात्र पोर्टल पर पंजीकृत हैं । इससे पूर्व छात्र परिषद विश्व का सबसे बड़ा संगठन बन गया है।
विजन 2047 – सामाजिक समरसता – जाति, वर्ग और क्षेत्रीय भेदभाव से ऊपर उठकर सामाजिक समरसता और एकता को बढ़ावा देना विद्या भारती का मुख्य उद्देश्य है। यह संगठन सभी सामाजिक वर्गों के लिए शिक्षा को सुलभ और समावेशी बनाने के लिए कार्य करता है। जनजाति, ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में कम शुल्क वाले विद्यालयों की स्थापना के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी बच्चा आर्थिक या सामाजिक बाधाओं के कारण शिक्षा से वंचित न रह जाए।
कुटुंब प्रबोधन – परिवार शिक्षा केन्द्र की एक इकाई है । उनके प्रबोधन से भारतीय परिवार को मूल्यों, भावनात्मक स्थिरता और नागरिक शिक्षा का केंद्र बनाना आवश्यक है। विद्या भारती की भारतीय परंपराओं पर आधारित मूल्य-आधारित शिक्षा के माध्यम से यह संभव हो रहा है । शिशु वाटिका की गतिविधियाँ और मातृ-पितृ पूजन, अभिभावक संपर्क जैसे कार्यक्रम पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करते हैं और बच्चों में आदर, प्रेम व जिम्मेदारी की भावना पैदा करते हैं।
पर्यावरण संरक्षण – पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रत्येक विद्यालय में पौधारोपण किया गया। वन्दना सभा, अभिभावक गोष्ठी और सम्मेलनों में बच्चों एवं अभिभावकों को प्रेरित किया गया।
नागरिक कर्तव्य बोध – विद्यालयों की दैनंदिन गतिविधियों में अपने संवेधानिक कर्तव्यों को जीवन व्यवहार में लाने हेतु अभ्यास किया जाता है। नियमों का पालन, राष्ट्रीय मानबिन्दुओं का सम्मान, बड़े बुजुर्गों की सेवा, स्वच्छता, राष्ट्रीय संपत्ति का संरक्षण आदि यह सब गतिविधियां इस कार्य का आधार है।
स्व – भारतीय भाषाओं, संस्कृति और लोक ज्ञान के माध्यम से आत्म-चेतना का विकास हमारे विद्यालयों की विशेषता है । संस्कृत शिक्षण और भारतीय ज्ञान प्रणाली का समावेश छात्रों को अपनी जड़ों से जोड़ता है। दूसरी ओर, कौशल विकास केंद्र, ITI और जन शिक्षण संस्थान युवाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। आत्म पहचान + कौशल विकास = आत्म निर्भरता यह सूत्र हमारे विद्यार्थियों में उद्यमिता एवं चरित्र निर्माण का कार्य करता है ।
नारी सम्मान – बालिकाओं और महिलाओं को समान अवसर, सम्मान और नेतृत्व की भूमिकाओं के साथ सशक्त बनाना विद्या भारती का एक प्रमुख लक्ष्य है। देश में कुल 34,75,757 विद्यार्थियों में से 14,41,601 बालिकाएँ हैं। परिवार में महिला की विशेष भूमिका को ध्यान में रखते हुए, विद्या भारती बालिका शिक्षा पर विशेष बल देती है। माँ-बेटी संवाद, किशोरी परामर्श, और आत्मरक्षा प्रशिक्षण जैसे मंचों के माध्यम से संगठन भारतीय मूल्यों पर आधारित समग्र सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है। ब्रज प्रदेश में भारतीय श्रीविद्या परिषद उत्तर प्रदेश के निर्देशन में बालिका विद्यालय संचालित हो रहे है ।
विद्या भारती विद्यार्थियों को ज्ञानवान, चरित्रवान, प्रखर राष्ट्रभक्त बनाने में सतत सक्रिय रहने के साथ ही देश की आपदा की किसी भी परिस्थिति में सहयोग के लिए तत्पर रहा है। विद्या भारती शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय पुनर्जागरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है। हम समाज के सभी वर्गों से आह्वान करते हैं कि वे इस प्रयास में सहभागी बनें, जिससे राष्ट्र की आवश्यकता अनुसार व्यक्तियों का निर्माण हो और राष्ट्र विकसित और आत्मनिर्भर बने ।