सत्या देवी गर्ग सरस्वती विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर संगोष्ठी एवं प्रदर्शनी का आयोजन

मथुरा। कैलाश नगर स्थित सत्या देवी गर्ग सरस्वती विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज, वृंदावन में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के उपलक्ष्य में एक विचारोत्तेजक संगोष्ठी एवं विशेष प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन वृंदावन शोध संस्थान के तत्वावधान में किया गया, जिसमें विद्यालय परिवार, शोधकर्ता, शिक्षाविद्, अतिथि वक्ता, आचार्यगण एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं वैदिक दीप मंत्रों के उच्चारण के साथ हुआ, जिससे वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हुआ। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री नरेन्द्र दत्त शर्मा ने मंचासीन अतिथियों का स्वागत करते हुए संगोष्ठी की प्रस्तावना प्रस्तुत की। उन्होंने अपने वक्तव्य में संग्रहालयों को न केवल ऐतिहासिक धरोहरों का संकलन, अपितु हमारी सांस्कृतिक चेतना एवं राष्ट्रीय अस्मिता के संरक्षक बताया।

संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे विद्वान चिंतक श्री चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने अपने वक्तव्य में वृंदावन शोध संस्थान की विकास यात्रा, शोध कार्यों एवं सांस्कृतिक पहलों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि संस्थान सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार तथा परंपराओं के संरक्षण हेतु निरंतर कार्य कर रहा है।
विद्यालय के प्रबंधक एवं शिक्षाविद् डॉ. राकेश सारस्वत ने मंचस्थ अतिथियों को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन शिविरों के माध्यम से छात्रों को इस प्रकार की शैक्षिक व सांस्कृतिक संगोष्ठियों से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है, जिससे उनमें इतिहास, विरासत और संस्कृति के प्रति सम्मान एवं बौद्धिक जिज्ञासा उत्पन्न हो।

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित वृंदावन शोध संस्थान के निदेशक श्री राजीव द्विवेदी ने संग्रहालयों की प्रासंगिकता और उनके संरक्षण की आवश्यकता पर गहन विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संग्रहालय अतीत के केवल मूक दर्शक नहीं, अपितु आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के जीवन्त स्रोत हैं। संग्रहालयों के माध्यम से हम अपने गौरवशाली इतिहास को जानकर वर्तमान को दिशा दे सकते हैं। उन्होंने सनातन संस्कृति के विविध पक्षों को भी रेखांकित करते हुए कहा कि इसकी जीवंतता ही भारत की आत्मा है।

वृंदावन संग्रहालय की क्यूरेटर श्रीमती ममता कुमारी ने छात्रों को अत्यंत सहज, सरल एवं प्रभावशाली शैली में संग्रहालयों के महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि संग्रहालय संस्कृति, परंपरा और सामाजिक मूल्यों के संरक्षण का सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने छात्रों को संग्रहालयों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण विकसित करने की प्रेरणा दी।
इस अवसर पर “रामायण प्रदर्शनी” का भी आयोजन किया गया, जिसमें भगवान श्रीराम के जीवन प्रसंगों, आदर्शों और नैतिक शिक्षाओं से युक्त दुर्लभ चित्रों एवं शिल्पों को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी ने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर कर दिया। छात्रों ने विशेष उत्साह के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

कार्यक्रम में सरस्वती विद्या मन्दिर ब्रज प्रदेश प्रकाशन के निदेशक डॉ. राम सेवक, शिक्षिका श्रीमती माधुरी गौड़, सोशल मीडिया एडमिन कुमार प्रखर, विद्यालय के समस्त आचार्यगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय प्रशासन ने वृंदावन शोध संस्थान के समस्त अतिथियों, वक्ताओं एवं सहभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। यह आयोजन निःसंदेह छात्र समुदाय के लिए प्रेरणादायक सिद्ध हुआ और उनमें भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं राष्ट्रीय चेतना के प्रति नवीन उत्साह एवं जागरूकता का संचार हुआ।