सामाजिक चेतना पर विचार गोष्ठी आयोजित

आगरा। सरस्वती शिशु मंदिर, कमला नगर में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें भाषा शिक्षण, साहित्यिक सौंदर्य और सामाजिक चेतना को लेकर गहन चर्चा हुई। गोष्ठी में विद्या भारती ब्रज प्रदेश के शैक्षिक प्रमुख प्रो. डॉ. राकेश सारस्वत ने कहा कि शब्दों की व्युत्पत्ति का विशेष महत्त्व होता है। भाषा-शिक्षण और साहित्यिक समारोहों में शब्दों के चयन एवं प्रयोग पर सतत् चर्चा होनी चाहिए, जिससे भाषायी सौंदर्य अक्षुण्ण रहे।
वरिष्ठ पत्रकार एवं सरस्वती शिशु मंदिर के प्रबंधक श्री अनंत विश्वेन्द्र चौहान ने वर्तमान संदर्भ में नागरिकों में सामाजिक चेतना, संघर्षशीलता, कार्यकुशलता और साहस को आवश्यक बताया। इनके आधार पर चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। श्री चौहान ने कहा कि हिन्दी- भाषा के साथ विदेशी शब्दों का प्रयोग भाषा-सौंदर्य को विकृत कर रहा है। विशेष रूप से “बीबी” और “वाइफ” जैसे शब्दों के स्थान पर “धर्मपत्नी” कहे जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा इससे भाषा के साथ- साथ संस्कृति को बल मिलेगा।
सरस्वती विद्या मंदिर ब्रज प्रदेश के निदेशक डॉ. राम सेवक ने नवीन पीढ़ी में हिन्दी भाषा के प्रति अनुराग बढ़ाने के लिए विविध गतिविधियों के आयोजन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अपनी भाषा के प्रति गर्व की भावना विकसित करना आवश्यक है, जिससे हमारी सांस्कृतिक पहचान बनी रहे।
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे भारतीय शिक्षा समिति ब्रज प्रदेश के उपाध्यक्ष श्री चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने युवाओं की भूमिका को समाज परिवर्तन में सहायक बताया। उन्होंने कहा कि युवाओं को हिंदुत्वनिष्ठ जीवन- शैली अपनाकर राष्ट्र- हित के कार्यों में योगदान देना चाहिए। अंत में उन्होंने सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
गोष्ठी में महा कुम्भ के कुशल प्रबंधन की सराहना की गई। वक्ताओं ने इसे अद्भुत, अद्वितीय, प्रेरक और ऐतिहासिक बताते हुए श्रद्धालुओं से किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने, धैर्य और संयम बनाए रखने तथा सेवा एवं सहयोग की भावना से महाकुंभ में सहभागिता करने का आह्वान किया।
गोष्ठी में विद्यालय के आचार्यगण, शिक्षाविद, समाजसेवी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।