प्रांतीय प्रशिक्षण टोली एवं परिषद की समीक्षात्मक कार्यशाला सम्पन्न

वृंदावन। परमेश्वरी देवी धानुका सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में विद्या भारती ब्रज प्रदेश द्वारा प्रांतीय प्रशिक्षण टोली एवं परिषद की समीक्षात्मक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ विद्या भारती ब्रज प्रदेश के संगठन मंत्री श्री हरीशंकर, भारतीय शिक्षा समिति ब्रज प्रदेश के उपाध्यक्ष श्री चंद्र प्रकाश द्विवेदी एवं शिशु शिक्षा समिति ब्रज प्रदेश के मंत्री श्री प्रवीण सारस्वत ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया।

कार्यक्रम की रूपरेखा एवं प्रमुख विचार- कार्यक्रम के प्रारंभ में शिक्षण प्रशिक्षण प्रमुख श्री अजय शर्मा ने उपस्थित अतिथियों का परिचय कराया। इसके पश्चात विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री शशांक तिवारी ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की।
अपने संबोधन में श्री शशांक तिवारी (सह शिक्षण-प्रशिक्षण प्रमुख एवं प्रधानाचार्य, छाता) ने बताया कि हाल ही में विद्या भारती शोध संस्थान, कुरुक्षेत्र में अखिल भारतीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला में शिक्षा पद्धति में नवीन तकनीकों के समावेश पर विशेष बल दिया गया। उन्होंने कहा कि छात्रों के समग्र विकास के लिए शिक्षण प्रक्रिया को आधुनिक तकनीकों से जोड़ना आवश्यक है।


उन्होंने यह भी कहा कि मन सही या गलत दिशा में जा सकता है, लेकिन यदि बुद्धि नियंत्रित होगी तो कार्य सही दिशा में होगा। अहंकार के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जहां सकारात्मक अहंकार होता है, वहां विकास की संभावना अधिक होती है।
इसके बाद श्री अजय शर्मा ने पीपीटी (PPT) के माध्यम से प्रांतीय प्रशिक्षण टोली एवं परिषद के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसके प्रभावी संचालन एवं शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए निरीक्षण एवं औचक निरीक्षण की महत्ता पर भी चर्चा की।
प्रधानाचार्य विद्या भारती योजना के केंद्र बिंदु- प्रांत शैक्षिक प्रमुख प्रोफेसर (डॉ.) राकेश सारस्वत ने कहा कि विद्यालय के प्रधानाचार्य विद्या भारती योजना के केंद्र बिंदु होते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानाचार्य की सक्रिय भूमिका और नेतृत्व विद्यालय के शैक्षिक और नैतिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे शिक्षा के साथ-साथ संस्कारों और नैतिक मूल्यों के संवर्धन पर भी ध्यान दें।
प्रदेश निरीक्षक नगरीय शिक्षा श्री प्रमोद वर्मा के विचार – इस अवसर पर प्रदेश निरीक्षक नगरीय शिक्षा श्री प्रमोद वर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की नींव एक मजबूत शिक्षण प्रणाली पर आधारित होती है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे केवल पाठ्यक्रम को पूरा करने तक सीमित न रहें, बल्कि छात्रों में नैतिक मूल्यों और व्यावहारिक ज्ञान का भी समावेश करें।
उन्होंने यह भी कहा कि अनुशासन, सतत मूल्यांकन और आत्मचिंतन ही शिक्षक को प्रभावी बनाते हैं। शिक्षा को परिणामोन्मुखी बनाने के लिए उन्होंने अभिनव शिक्षण पद्धतियों को अपनाने और शिक्षकों के नियमित प्रशिक्षण पर जोर दिया।
प्रवासी कार्यकर्ताओं की जांबवंत भूमिका – इस अवसर पर विद्या भारती ब्रज प्रदेश के संगठन मंत्री श्री हरीशंकर ने प्रवासी कार्यकर्ताओं की भूमिका को जांबवंत के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि आचार्यों में छिपी हनुमति शक्ति को जागृत करना आवश्यक है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे शिक्षा और संस्कारों के प्रचार-प्रसार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ।
कार्यक्रम का समापन और सम्मान – कार्यशाला के समापन अवसर पर सह-प्रशिक्षण प्रमुख श्री विनय कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया और सभी कार्यकर्ताओं के योगदान की सराहना की। इस दौरान विद्यालय प्रबंधक श्री शिवेंद्र गौतम ने कहा कि इस कार्यशाला का हमारे विद्यालय में आयोजन होना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।
इसके उपरांत श्री शिवेंद्र गौतम ने टोली के सभी कार्यकर्ताओं को उपहार भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर डॉ. राकेश माहेश्वरी, डॉ. प्रभाष्कर राय, श्रीमती सरोज जुनेजा, डॉ. प्रवीण अग्रवाल, श्री कामता प्रसाद गुप्ता, डॉ. प्रशांत महर्षि, डॉ. प्रहलाद सिंह, श्री हरेश सिंह उपस्थित रहे।