विद्या भारती ब्रज प्रदेश कार्यालय में प्रकाशन समिति की महत्त्वपूर्ण बैठक संपन्न।

मथुरा। विद्या भारती ब्रज प्रदेश (Vidya Bharti Braj Pradesh) कार्यालय पर श्री चंद्र प्रकाश द्विवेदी की अध्यक्षता में सरस्वती विद्या मन्दिर ब्रज प्रदेश प्रकाशन, सरस्वती शिशु मन्दिर प्रकाशन और सरस्वती साहित्य प्रकाशन की एक महत्त्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में संगठन से जुड़े प्रमुख पदाधिकारी एवं विशेषज्ञों ने भाग लिया।
बैठक की प्रस्तावना रखते हुए संगठन मंत्री श्री हरी शंकर जी ने कहा कि विद्या भारती के विभिन्न प्रकाशनों का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण, सस्ती और राष्ट्रहितकारी पुस्तकों का प्रकाशन करना है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप राष्ट्रीय पाठ्यचर्या को ध्यान में रखते हुए पुस्तकों के प्रकाशन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम का निर्माण केवल शैक्षिक उद्देश्यों से नहीं, बल्कि भारतीय संस्कारों, परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखने के दृष्टिकोण से भी किया जाना चाहिए। इसके लिए सतत् और व्यापक चिंतन तथा ठोस कार्ययोजना की आवश्यकता है।

बैठक में श्री अशोक कुमार शर्मा (लखनऊ) ने प्रकाशन प्रबंधन को लेकर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में डिजिटल युग में पुस्तकों के मुद्रण और वितरण के साथ-साथ ई-पुस्तकों एवं ऑनलाइन अध्ययन सामग्री को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने प्रकाशन प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और आधुनिक बनाने के लिए विभिन्न तकनीकों एवं नवाचारों को अपनाने पर बल दिया।
बैठक में विशेष रूप से प्रोफ़ेसर (डॉ.) राकेश सारस्वत (शैक्षिक प्रमुख, विद्या भारती ब्रज प्रदेश), डॉ. राम सेवक (निदेशक, सरस्वती विद्या मन्दिर ब्रज प्रदेश प्रकाशन), श्री हरी प्रकाश जी (सरस्वती शिशु मन्दिर प्रकाशन) तथा श्री अमर सिंह (सरस्वती साहित्य प्रकाशन) उपस्थित रहे।

बैठक में आगामी सत्र हेतु प्रकाशन से संबंधित विभिन्न योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। निर्णय लिया गया कि पाठ्यपुस्तकों के साथ-साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए सहायक पुस्तकों, पत्रिकाओं और शोधपरक ग्रंथों का भी प्रकाशन किया जाएगा। इसके अलावा, नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति, परंपरा और नैतिक मूल्यों से जोड़ने के लिए बाल साहित्य, प्रेरणादायक जीवन चरित्र और अन्य साहित्यिक कृतियों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
बैठक के अंत में श्री चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने सभी सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि विद्या भारती का प्रकाशन विभाग शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है और आगे भी राष्ट्रीय हित में कार्य करता रहेगा।