नवीन अभिभावक प्रबोधन कार्यशाला

- बिना संस्कारों की शिक्षा बालक के जीवन को किस दिशा में ले जाएगी ये कोई नहीं जानता…… फूल सिंह सिकरवार (प्रशासनिक संपर्क प्रमुख, धर्मजागरण, ब्रजप्रान्त)।
- तय करो कि आप अपने बालक को क्या बनाना चाहते हो विद्यावान या विद्वान.. क्योंकि विद्यावान राम थे और विद्वान रावण था, विद्यावान अब्दुल कलाम थे और विद्वान ओसामा बिल्लादेन था…… मानेन्द्र तिवारी (प्रधानाचार्य, आगरा कैंट)
कैंट आगरा। शिक्षा क्या स्वर साध सकेगी यदि नैतिक आधार नहीं है के भाव को नवीन अभिभावकों में जाग्रत करने के लिये सरस्वती शिशु मंदिर, आगरा कैंट में नवीन अभिभावक प्रबोधन कार्यशाला (PTM) का आयोजन हुआ जिसमें पचास अभिभावकों की सहभागिता रही।

इस कार्यशाला में बालक के शैक्षिक विकास हेतु अभिभावकों की क्या भूमिका है। परिवार में आपसी व्यवहार कैसा हो, बालक का वेश और भोजन कैसा हो, सीखने की प्रक्रिया माँ के गर्भ से प्रारम्भ होती है ऐसे अनेकों विषयों पर मुख्य वक्ता श्री फूलसिंह सिकरवार जी द्वारा आये हुये अभिभावकों का वैचारिक प्रबोधन एवं परिमार्जन किया गया।
उक्त कार्यशाला की अध्यक्षता श्री विजय कुमार (सेवा निवृत सोइल कंजरवेशन, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट) ने की। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री रामपाल जी द्वारा किया गया।